राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए पूछा है कि क्या गिरती जीडीपी इस बात का संकेत नहीं है कि देश में आर्थिक मंदी आ गई है? उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'वर्तमान वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए भारत की जीडीपी विकास दर गिरकर 4.5 प्रतिशत हो गई है, जो कि पिछले 6 सालों में सबसे कम है। जीवीए वृद्धि में भी भारी गिरावट आई है।
मुख्यमंत्री ने पूछा, 'इस तरह की गिरावट लगातार 5वीं तिमाही में देखी गई है। यदि यह आर्थिक मंदी का संकेत नहीं है तो यह क्या है?' उनके अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'वादा तेरा वादा... दो करोड़ रोजगार हर साल, फसल का दोगुना दाम, अच्छे दिन आएंगे, मेक इन इंडिया होगा, अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन होगी... क्या किसी वादे पर हिसाब मिलेगा?'
बता दें कि शुक्रवार को जारी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों से एक बार फिर अर्थव्यवस्था में सुस्ती गहराने के संकेत मिले हैं। जुलाई-सितंबर, 2019 की तिमाही के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर घटकर महज 4.5 फीसदी रह गई, जो लगभग साढ़े छह साल का निचला स्तर है। यह लगातार छठी तिमाही है जब जीडीपी में सुस्ती दर्ज की गई है।
इससे पहले जनवरी-मार्च, 2013 तिमाही में जीडीपी विकास दर 4.3 फीसदी रही थी, वहीं एक साल पहले की समान अवधि यानी जुलाई-सितंबर, 2018 तिमाही में यह 7 फीसदी रही थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर 5 फीसदी रही थी। वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में जीडीपी में 4.8 फीसदी की बढ़ोतरी रही है, जबकि एक साल पहले समान छमाही में 7.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर में स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 35.99 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल इसी अवधि में 34.43 लाख करोड़ रुपये थी। जीडीपी के खराब आंकड़ों की मुख्य वजह विनिर्माण और कृषि क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों में सुस्ती रही।