राजस्थान में पांच नए मेडिकल कॉलेज (Medical Colleges in Rajasthan) खुलने जा रहे हैं। ये कॉलेज राजस्थान के पांच अलग-अलग जिलों में खोले जाएगें। केंद्र सरकार ने इसके लिए रखे गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
राजस्थान सरकार ने इस संबंध में सूचना जारी की। इसमें सरकार ने बताया है कि 'केंद्र प्रायोजित योजना के तहत इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। हर मेडिकल कॉलेज के लिए करीब 325 करोड़ रुपये का फंड भी आवंटित किया जा चुका है।'
राजस्थान सरकार ने इस संबंध में सूचना जारी की। इसमें सरकार ने बताया है कि 'केंद्र प्रायोजित योजना के तहत इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। हर मेडिकल कॉलेज के लिए करीब 325 करोड़ रुपये का फंड भी आवंटित किया जा चुका है।'
कहां खुलेंगे ये कॉलेज
ये मेडिकल कॉलेज राजस्थान के पांच अलग-अलग जिलों - दौसा, टोंक, सवाईमाधोपुर, झुंझुनू और हमुमानगढ़ में खोले जाएंगे।
इस बारे में बात करते हुए राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि इन पांच मेडिकल कॉलेजों को स्वीकृति मिलने के बाद अब राजस्थान के 33 में से 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि 'स्वतंत्रता के समय राज्य में सिर्फ एक मेडिकल कॉलेज हुआ करता था। वह जयपुर में था। वर्तमान सरकार ने 11 महीने की अवधि में 15 नए मेडिकल कॉलेजों को स्वीकृति दी है। यह बड़ी उपलब्धि है।'
मंत्री ने बताया कि अन्य दो जिलों प्रतापगढ़ और राजसमंद में भी एक-एक मेडिकल कॉलेज खोले जाने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जा चुका है। राजसमंद में फिलहाल एक निजी मेडिकल कॉलेज है।
इन कॉलेजों के खुलने से न सिर्फ राज्य में चिकित्सकों की कमी दूर होगी, बल्कि दूरस्थ क्षेत्रों में भी लोगों को आम से लेकर खास चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी।
इस बारे में बात करते हुए राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि इन पांच मेडिकल कॉलेजों को स्वीकृति मिलने के बाद अब राजस्थान के 33 में से 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि 'स्वतंत्रता के समय राज्य में सिर्फ एक मेडिकल कॉलेज हुआ करता था। वह जयपुर में था। वर्तमान सरकार ने 11 महीने की अवधि में 15 नए मेडिकल कॉलेजों को स्वीकृति दी है। यह बड़ी उपलब्धि है।'
मंत्री ने बताया कि अन्य दो जिलों प्रतापगढ़ और राजसमंद में भी एक-एक मेडिकल कॉलेज खोले जाने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जा चुका है। राजसमंद में फिलहाल एक निजी मेडिकल कॉलेज है।
इन कॉलेजों के खुलने से न सिर्फ राज्य में चिकित्सकों की कमी दूर होगी, बल्कि दूरस्थ क्षेत्रों में भी लोगों को आम से लेकर खास चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी।